Best Short Moral Stories In Hindi | लघु नैतिक कहानियाँ
उसके गुरू ने उससे पूछा, "तुम्हे किस बात पर गुस्सा आता है?" लड़के ने कहा, मैं जब भी ध्यान करता हूँ, तो कभी कोई बात करते हुए आ जाता है तो कभी बिल्ली या कोई और जानवर आ जाता हैं।
गुरू ने लड़के से कहा कि तुम्हे अपने आस पास की हर चीज़ पर गुस्सा आता हैं। जबकि ध्यान का वास्तविक उद्देश्य क्रोध से बचना हैं। तुम्हे कोई तरीका ढूंढ़ना होगा जिससे तुम अपने आस पास के लोगो, जानवरो और चीज़ो से परेशान हुए बिना ध्यान कर पायो।
फिर वह लड़का गुरुकुल के बाहर एक शांत जगह की तलाश में निकल पड़ा। उसे एक बहुत ही शांत नदी का किनारा दिखा। वह वहीं अपनी चादर बिछाकर ध्यान करने लगा। जैसे ही उसने अपनी आँख बंद की, उसे हवा के चलने की आवाज़ सुनाई दी। तो वह उसपर गुस्सा हो गया। फिर जब पेड़ के पत्तो की आवाज़ आयी तो उसपर गुस्सा आ गया। जब भी चिड़ियों की आवाज़ आती तो वह उस पर गुस्सा करने लगता।
उसने सोचा की नदी के किनारे पर बड़ी अशांति है, क्यों न नदी के बीच में जाकर साधना की जाएं। वह एक नाव में बैठ गया और नदी के बीच में चला गया। और वहा उसने ध्यान करना शुरू किया। नदी के बीच में ध्यान करते हुए उसे अच्छा महसूस हो रहा था। फिर वह रोज़ नाव में बैठकर नदी के बीच में जाकर ध्यान करने लगा।
अब वह खुश था की कोई उसे परेशान नहीं कर रहा है। और वह ध्यान कर रहा है। एक दिन नदी में ध्यान करते समय उसे पानी की छींटे पड़ने की आवाज़ सुनाई दी। उसने आँखे खोली तो देखा की एक बड़ी सी नॉव उसके पास आ रही थी।
उसे बहुत गुस्सा आया, वह गुस्से से चिल्लाने लगा। "अपनी नॉव यहाँ मत लाओ ! इसे मोड़ लो।" लेकिन उस नॉव ने लड़के की नॉव को टक्कर मार दी। लड़का बहुत गुस्से में था। लेकिन जब उसने उस बड़ी नॉव में देखा तो उसमे कोई नहीं था। वह नॉव तेज़ हवा और पानी के बहाव के कारण वहाँ आ गयी थी।
इतने में लड़के को फिर से अपने गुरू का प्रश्न याद आ गया की "तुम्हे वास्तव में किस पर गुस्सा आता है?" लड़का समझ गया कि वह लोगो या स्तिथि के कारण गुस्सा नहीं हो रहा है। बल्कि अपनी ही प्रतिक्रिया पर गुस्सा आ रहा था।
इसके बाद से उस लड़के ने फिर से गुरुकुल के अंदर ध्यान करना शुरू कर दिया। जहाँ पहले की ही तरह अशांति थी। लेकिन उसने उस शोर को एक खाली नॉव की तरह समझना शुरू कर दिया।
Moral - इस कहानी में हमें यह सीख मिलती है कि आपकी मर्ज़ी के बिना कोई भी चीज़ आपको गुस्सा नहीं दिला सकती।
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