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Monday, February 13, 2023

Akbar Birbal Stories in Hindi | बीरबल के चतुर विचार


Akbar Birbal Stories in Hindi


Akbar Birbal Stories in Hindi: एक बार मुगल बादशाह अकबर के दरबार में बीरबल नाम के एक बुद्धिमान और मजाकिया मंत्री रहते थे। वह अपनी बुद्धिमत्ता और बुद्धि के लिए प्रसिद्ध था और सम्राट और प्रजा दोनों से समान रूप से प्यार करता था।

एक दिन, जब बीरबल शाही बगीचे में टहल रहे थे, तो उन्हें चार आदमी मिले, जो आपस में बहस कर रहे थे। उनके व्यवहार के बारे में जानने के लिए उत्सुक बीरबल ने उनसे यह पता लगाने के लिए संपर्क किया कि क्या हो रहा है।

पहले व्यक्ति ने दावा किया कि उसके पिता राज्य के सबसे धनी व्यक्ति थे, जबकि दूसरे व्यक्ति ने दावा किया कि उसके पिता सबसे शक्तिशाली व्यक्ति थे। तीसरे व्यक्ति ने दावा किया कि उसके पिता सबसे बुद्धिमान व्यक्ति थे, और चौथे व्यक्ति ने दावा किया कि उसके पिता सबसे धार्मिक व्यक्ति थे।

बीरबल ने उनकी दलीलें सुनीं और फिर उनसे एक सरल प्रश्न पूछा - "तुम्हारे पिताओं में सबसे बड़ा कौन है?"

इस सवाल से चारों आदमी अचंभित रह गए और कोई जवाब नहीं दे पाए। तो बीरबल ने एक चतुर उपाय निकाला। उसने उनसे कहा कि वह उनके पुत्रों का न्याय करके यह निर्णय करेगा कि उनके पिताओं में कौन बड़ा है। 

उन्होंने कहा कि सबसे अमीर आदमी के बेटे के पास सबसे शानदार कपड़े होंगे, सबसे मजबूत आदमी के बेटे के पास सबसे बड़ी मांसपेशियां होंगी, सबसे बुद्धिमान व्यक्ति के बेटे के पास सबसे चतुर बुद्धि होगी, और सबसे धार्मिक व्यक्ति के बेटे के पास सबसे शांतिपूर्ण व्यवहार होगा।

चारों आदमी बीरबल की योजना से सहमत हो गए और बीरबल को प्रभावित करने की उम्मीद में अपने बेहतरीन कपड़े, उभरी हुई मांसपेशियां, चतुर बुद्धि और शांतिपूर्ण व्यवहार दिखाया। हालांकि, बीरबल प्रभावित नहीं हुए।

फिर उन्होंने उन्हें बताया कि उन्होंने अपने पिता को उन गुणों के आधार पर आंका है जो उन्होंने अपने बेटों को दिए थे और उनकी राय में, सबसे शांतिपूर्ण आचरण वाले बेटे का पिता सबसे महान था, क्योंकि मन की शांति सबसे मूल्यवान थी गुणवत्ता किसी के पास हो सकती है।

चारों आदमी बीरबल की बुद्धिमत्ता से दीन हो गए और मन की शांति के मूल्य के लिए एक नई सराहना के साथ घर चले गए। बीरबल के चतुर समाधान की कहानी दूर-दूर तक फैल गई और उनकी बुद्धि और बुद्धि के लिए उनकी और भी अधिक प्रशंसा हुई।


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बीरबल के अंदाज़-ए-बयान | Akbar Birbal Stories in Hindi


Akbar Birbal Stories in Hindi


Akbar Birbal Stories in Hindi | बीरबल के अंदाज़-ए-बयान: एक बार मुगल बादशाह अकबर के दरबार में बीरबल नाम के एक बुद्धिमान और मजाकिया मंत्री रहते थे। वह अपनी बुद्धिमत्ता, बुद्धि और बोलने के अपने अनोखे तरीके के लिए प्रसिद्ध थे, जिसे "अंदाज़-ए-बयान" के नाम से जाना जाता था।

एक दिन, बादशाह विशेष रूप से परेशान महसूस कर रहे थे और उन्होंने बीरबल को अपने दरबार में आने के लिए कहा। जब बीरबल पहुंचे, तो बादशाह ने उन्हें एक विशेष दरबारी से अपनी निराशा के बारे में बताया, जिसे पहेलियों में बात करने और समझने में मुश्किल होने की आदत थी।

बीरबल ने बादशाह की बात सुनी और फिर उन्हें एक कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि एक बार की बात है, एक राजा था जो इसी तरह की समस्या से ग्रस्त था। 

राजा अपने दरबारियों के पहेलियों में बोलने और स्पष्ट नहीं होने से थक गया था, इसलिए उसने एक फरमान जारी किया कि जो कोई भी पहेली में बोलेगा उसे दंडित किया जाएगा।

एक दिन एक दरबारी राजा के पास संदेश लेकर आया, लेकिन वह साफ-साफ बोलने के बजाय पहेलियों में ही बातें करने लगा। राजा दरबारी को दंड देने ही वाला था कि बीरबल ने आकर दरबारी से सरल भाषा में अपना संदेश समझाने को कहा। दरबारी ने तब समझाया कि उसे एक बुद्धिमान व्यक्ति ने भेजा है जिसके पास राजा के लिए एक संदेश है।

संदेश यह था कि कभी-कभी, सत्य को समझना कठिन हो सकता है, और यह ज्ञान उन लोगों के शब्दों में पाया जा सकता है जो पहेलियों में बोलते हैं। बीरबल ने आगे कहा कि शब्दों के पीछे छिपे ज्ञान को समझना और पहेली में बोलने वालों के संदेशों को समझना राजा का काम था।

बादशाह बीरबल की बुद्धिमत्ता से प्रभावित हुए और उन्होंने महसूस किया कि उन्हें भी पहेलियों में बोलने वालों के शब्दों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उस दिन से, सम्राट ने अपने दरबारियों के शब्दों के पीछे छिपे ज्ञान को समझने का प्रयास किया, भले ही वे पहेलियों में बोले हों, और परिणामस्वरूप वह एक अधिक सुखी जीवन व्यतीत कर रहे थे।

बीरबल के बोलने के अनूठे तरीके या "अंदाज़-ए-बयान" की कहानी और पहेलियों में बोलने वालों के शब्दों की व्याख्या करने में उनकी बुद्धि दूर-दूर तक फैली हुई थी, और उनकी बुद्धि के लिए और भी अधिक प्रशंसा की गई थी।


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Short Akbar Birbal Stories in Hindi | अकबर और बीरबल के मैदान में अदालत


Short Akbar Birbal Stories in Hindi


Short Akbar Birbal Stories in Hindi: एक बार मुगल बादशाह अकबर के दरबार में बीरबल नाम के एक बुद्धिमान और मजाकिया मंत्री रहते थे। बीरबल अपनी बुद्धिमत्ता, बुद्धि और जटिल समस्याओं को आसानी से हल करने की क्षमता के लिए जाने जाते थे।

एक दिन, बादशाह और बीरबल शाही बगीचे में टहल रहे थे, जब उनकी मुलाकात एक मैदान में लोगों की एक बड़ी भीड़ से हुई। बादशाह और बीरबल यह जानने के लिए भीड़ के पास पहुंचे कि क्या हो रहा है और उन्होंने देखा कि लोगों के दो समूहों के बीच विवाद हो रहा है।

एक समूह दावा कर रहा था कि जमीन का एक टुकड़ा उनका है, जबकि दूसरा समूह दावा कर रहा था कि यह उनका है। विवाद काफी समय से चल रहा था और दोनों गुटों के बीच सुलह नहीं हो पा रही थी।

सम्राट इस मामले पर फैसला सुनाने ही वाले थे कि बीरबल ने हस्तक्षेप किया और पूछा कि क्या उन्हें मामले को संभालने की अनुमति दी जा सकती है। बादशाह सहमत हो गए, और बीरबल ने दोनों समूहों से संपर्क किया और उनकी दलीलें सुनीं।

दोनों पक्षों की कहानी सुनने के बाद बीरबल ने एक चतुर उपाय निकाला। उसने दोनों समूहों को अगले दिन खेत में गेहूँ की एक बोरी और एक मुर्गा लाने को कहा। जब वे पहुंचे, तो बीरबल ने एक मुट्ठी गेहूं लिया और उसे आधे खेत में बिखेर दिया, और दूसरे आधे हिस्से पर मुर्गे को रख दिया।

फिर उसने दोनों समूहों से कहा कि मुर्ग़ा जिस किसी के पास सुबह सबसे पहले जाएगा, वह आधा खेत उन्हीं का होगा। दो समूह बीरबल के समाधान के लिए सहमत हुए, और अगली सुबह, वे मैदान में इकट्ठे हुए यह देखने के लिए कि मुर्गा कहाँ जाएगा।

सभी को आश्चर्य हुआ, मुर्गा खेत के दोनों हिस्सों में गया और दोनों तरफ के गेहूं को चोंच मारने लगा। तब बीरबल ने घोषणा की कि चूंकि मुर्गे ने खेत के दोनों हिस्सों पर दावा किया है, भूमि दोनों समूहों की समान रूप से होगी।

बीरबल के समाधान पर दोनों समूह बहुत खुश हुए और उनकी बुद्धिमत्ता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उस दिन से, वे शांति से रहते थे, भूमि को समान रूप से साझा करते थे और फिर कभी उस पर लड़ाई नहीं करते थे।

न्याय के क्षेत्र में बीरबल के चतुर समाधान, या "मैदान में अदालत" की कहानी दूर-दूर तक फैल गई, और उनकी बुद्धि और ज्ञान के लिए उनकी और भी अधिक प्रशंसा हुई।


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Best Short Moral Stories In Hindi | लघु नैतिक कहानियाँ


Short Moral Stories In Hindi


Short Moral Stories In Hindi:
 एक गुरूकुल मे ध्यान (Meditation) करने का विधान था, ध्यान करने के बाद अपनी प्रगति (progress) गुरू को बतानी पड़ती थी। एक नए लड़के को ध्यान करने में बहुत कठिनाई हो रही थी। ध्यान के दौरान वह एकाग्र (focus) नहीं हो पा रहा था। जिससे वह काफी नाराज़ था।

उसके गुरू ने उससे पूछा, "तुम्हे किस बात पर गुस्सा आता है?" लड़के ने कहा, मैं जब भी ध्यान करता हूँ, तो कभी कोई बात करते हुए आ जाता है तो कभी बिल्ली या कोई और जानवर आ जाता हैं। 

गुरू ने लड़के से कहा कि तुम्हे अपने आस पास की हर चीज़ पर गुस्सा आता हैं। जबकि ध्यान का वास्तविक उद्देश्य क्रोध से बचना हैं। तुम्हे कोई तरीका ढूंढ़ना होगा जिससे तुम अपने आस पास के लोगो, जानवरो और चीज़ो से परेशान हुए बिना ध्यान कर पायो। 

फिर वह लड़का गुरुकुल के बाहर एक शांत जगह की तलाश में निकल पड़ा। उसे एक बहुत ही शांत नदी का किनारा दिखा। वह वहीं अपनी चादर बिछाकर ध्यान करने लगा। जैसे ही उसने अपनी आँख बंद की, उसे हवा के चलने की आवाज़ सुनाई दी। तो वह उसपर गुस्सा हो गया। फिर जब पेड़ के पत्तो की आवाज़ आयी तो उसपर गुस्सा आ गया। जब भी चिड़ियों की आवाज़ आती तो वह उस पर गुस्सा करने लगता। 

उसने सोचा की नदी के किनारे पर बड़ी अशांति है, क्यों न नदी के बीच में जाकर साधना की जाएं। वह एक नाव में बैठ गया और नदी के बीच में चला गया। और वहा उसने ध्यान करना शुरू किया। नदी के बीच में ध्यान करते हुए उसे अच्छा महसूस हो रहा था। फिर वह रोज़ नाव में बैठकर नदी के बीच में जाकर ध्यान करने लगा। 

अब वह खुश था की कोई उसे परेशान नहीं कर रहा है। और वह ध्यान कर रहा है। एक दिन नदी में ध्यान करते समय उसे पानी की छींटे पड़ने की आवाज़ सुनाई दी। उसने आँखे खोली तो देखा की एक बड़ी सी नॉव उसके पास आ रही थी। 

उसे बहुत गुस्सा आया, वह गुस्से से चिल्लाने लगा। "अपनी नॉव यहाँ मत लाओ ! इसे मोड़ लो।" लेकिन उस नॉव ने लड़के की नॉव को टक्कर मार दी। लड़का बहुत गुस्से में था। लेकिन जब उसने उस बड़ी नॉव में देखा तो उसमे कोई नहीं था। वह नॉव तेज़ हवा और पानी के बहाव के कारण वहाँ आ गयी थी। 

इतने में लड़के को फिर से अपने गुरू का प्रश्न याद आ गया की "तुम्हे वास्तव में किस पर गुस्सा आता है?" लड़का समझ गया कि वह लोगो या स्तिथि के कारण गुस्सा नहीं हो रहा है। बल्कि अपनी ही प्रतिक्रिया पर गुस्सा आ रहा था। 

इसके बाद से उस लड़के ने फिर से गुरुकुल के अंदर ध्यान करना शुरू कर दिया। जहाँ पहले की ही तरह अशांति थी। लेकिन उसने उस शोर को एक खाली नॉव की तरह समझना शुरू कर दिया। 


Moral - इस कहानी में हमें यह सीख मिलती है कि आपकी मर्ज़ी के बिना कोई भी चीज़ आपको गुस्सा नहीं दिला सकती। 


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Top 3 Motivational Stories In Hindi | प्रेरक कहानियाँ हिंदी में


Motivational Stories In Hindi

Top 3 Motivational Stories In Hindi: एक वक्त की बात है एक राजा ने अपने राज्य के एक रास्ते पर एक बड़ा सा पत्थर रखवा दिया। और छुप कर उस रास्ते पर नज़र रखने लगा। राजा देखना चाहते थे कि कौन उस पत्थर को हाटएगा। 

उस रास्ते से बहुत से लोग निकले, पर किसी ने पत्थर नहीं हटाया। बल्कि कुछ लोगो ने रास्ता साफ़ न करने के लिए राजा को दोषी ठहराया। तभी एक आदमी सब्ज़ी का ठेला लेकर उस रास्ते पर गया। उस आदमी ने बहुत मेहनत करके उस पत्थर को हटाया। 

पत्थर के नीचे एक लिफाफे में सोने के सिक्के और कागज़ रखे हुए थे। उस पर लिखा था कि यह इनाम पत्थर हटाने वाले के लिए है। 

Moral - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमारे रास्ते में आने वाली रूकावट हमें ओर बेहतर बनने का मौका देती है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम उस मोके का फायदा कैसे उठाते है। 


2nd story 

Top 3 Motivational Stories In Hindi

एक लड़की अंधी होने के कारण खुद से बहुत नफरत करती थी। वह पूरी दुनिया में सिर्फ अपने बॉयफ्रेंड से प्यार करती थी। वह अक्सर अपने बॉयफ्रेंड से कहती थी कि अगर वे देख पाती तो उससे तुरंत शादी कर लेती। 

एक दिन किसी ने उसे आंखे दान कर दी। जिसके बाद वह पूरी दुनिया देख सकती थी। तब उसके बॉयफ्रेंड ने उससे पूछा कि अब तुम सब कुछ देख सकती हो, तो क्या अब तुम मुझसे शादी करोगी? 

अपने बॉयफ्रेंड को देखकर लड़की हैरान हो गयी कि उसका बॉयफ्रेंड भी अँधा है। लड़की ने उससे शादी करने से इंकार कर दिया। 

जिसके बाद लड़के ने दुखी मन से उससे कहा, मेरी आँखो का ख्याल रखना। और वह वहा से चला गया। दोस्तों, जैसे-जैसे मानवीय परिस्थितिया बदलती है, वैसे-वैसे उनकी सोच भी बदल जाती है। 

कई लोग उन लोगो को भूल जाते है जिन्होंने बुरे समय में उनका साथ दिया। तो जो लोग आपका साथ देते है, उनका सम्मान करें। उनकी सरहना करें। हर किसी को Caring लोग नहीं मिलते है। आपके हालात जितने बेहतर होते चले जाते है, आपको उतना ही अधिक दयालु बनना चाहिए। 


3rd story 


Coffee beans motivational story in hindi


एक बार एक लड़की अपने पिता से कहती है की मै जीवन के संघर्ष से थक चुकी हूँ। एक समस्या ख़त्म नहीं होती कि दूसरी आकर खड़ी हो जाती है। बेटी की बाते सुनकर पिता उसे अपने साथ किचन में ले जाते है। और बैठकर देखने को कहते है। 

वह तीन बर्तनो में पानी उबालते हैं। एक बर्तन में आलू, दूसरे में अंडे और तीसरे में कोफ़ी बीन्स दाल देते है। 20 मिनट बाद अंडा, आलू प्लेट में और कोफ़ी कप में निकाल लेते है। और अपनी बेटी को समझते है कि ये आलू सख्त से नरम हो गया है। अंडा नाजुक से सख्त हो गया, और कोफ़ी बीन्स ने एक स्वादिष्ट पेय बना दिया। 

लेकिन ये सभ पाने के लिए इन तीनो को गर्म पानी की जद्दोजहद करनी पड़ी। तब जाकर ये ऐसे हो पाते है। मानव जीवन भी ऐसा ही है। संघर्ष इंसान को बेहतर बनाता है। और बेहतर बनने का मौका देता है। 

अब ये आप पर निर्भर करता है कि आप संघर्ष को कोसते हैं या उससे कुछ सीखते हैं। 


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Best Short Motivational Story In Hindi For Success 2023

Short Motivational Story In Hindi For Success: एक बार की बात है, एक गुरूकुल मे कुछ बच्चे अपने गुरू के पास पढ़ रहे थे। गुरू अपने सभी शिष्यों को बहुत अच्छे से समझा रहे थे और पढ़ा रहे थे। लेकिन काफी समझाने के बाद भी एक लड़का कुछ समझ नहीं पाया। 


Short Motivational Story In Hindi For Success


गुरू ने गुस्से मे बच्चे को अपनी हथेली दिखाने को कहा। गुरू ने बालक का हाथ देखकर उसे पढाई छोड़कर घर जाने को कहा। क्योकि उस बालक के हाथ मे शिक्षा की रेखा ही नहीं थी। फिर तभी बच्चे ने एक छोटा चाक़ू निकाला और अपने हाथ पर गहरा निशान बना दिया। और कहा कि अब तो मेरे हाथ मे भी पढाई की रेखा है गुरू जी। तो क्या मे अब पढ़ सकता हु? 


बच्चे की हिम्मत को देखकर गुरू ने कहा, तुम्हे पढाई करने से कोई नहीं रोक सकता। यह बालक कोई और नहीं बल्कि प्रसिद्ध साहित्यकार महर्षि पणिनी थे। जिन्होंने संस्कृत व्याकरण पर अनेक पुस्तके लिखी। 



2nd Story-


Best Short Motivational Story In Hindi For Success


एक बार एक आदमी ने एक डेरे (camp) मे बहुत से हाथियों को एक छोटी रस्सी से बंधे हुए देखा। रस्सी बहुत कमज़ोर थी, फिर भी हाथी उसे तोड़कर भागने की कोशिश नहीं कर रहे थे। डेरे के मालिक ने उसे बताया कि उसने बचपन से ही इतनी छोटी रस्सी से हाथियों को बांध रखा है। 


बचपन मे हाथियों के लिए इस रस्सी को तोडना कठिन था, बड़े होकर हाथियों ने स्वीकार कर लिया की वे इस रस्सी को कभी तोड़ नहीं पायंगे। इसलिए हाथियों ने इस रस्सी को तोडना का प्रयास बंद कर दिया। 


इस तरह मनुष्य भी अपने जीवन की कुछ असफलताओं के बाद यह यकीन कर लेता है की वह कभी जीत नहीं पाएगा। 

या उन्होंने पहले कभी ऐसा देखा है की किसी को किसी चीज़ मे नुक्सान हुआ हे, तो यह भी उसको नहीं कर पायंगे। 


आपको यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए, कि अगर कोई पत्थर, हथोड़े के 100वी वार से टूटता है तो इसका मतलब यह कभी नहीं हुआ कि पहला वार बेकार था। आपको अपने लक्ष्यों और सपनो को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहना चाहिए। 

एक दिन आप निश्चित रूप से इतने सक्षम होंगे कि आप अपने लक्ष्ये को प्राप्त कर सकेंगे। 



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